न्यूयोर्क टाइम्स ने एक आर्टिकल अभी हाल में भी पब्लिश किया है Google Devising Radical Search Changes to Beat Back A.I. Rivals . समझा जा सकता है की सर्च इंजिन्स की तकनिकी जंग शुरू हो गयी है, १६ अप्रैल के इस आर्टिकल में न्यूयोर्क टाइम्स ने गूगल की कई अंदरूनी समाचार पक्षों की जाँच की. आने वाले समय में गूगल और भी ज़्यादा पर्सनलाइज़ होने की कोशिश करेगा, इस सन्दर्भ में हम समझ सकते हैं कि संभवतः आने वाले वक़्त में हर किसी के लिए अलग गूगल हो. नयी AI तकनिकी गूगल के अन्य प्रोडक्ट्स के साथ जुड़कर बेहतर सर्विसेज देने का प्रयास करेगी. न्यूयोर्क टाइम्स के अनुसार गूगल जो अभी तक अपने मौजूदा स्वरुप में सुधार के लिए MEGI प्रोजेक्ट पर काम कर रहा था अब ना सिर्फ वो इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है बल्कि एक तरह के नए सर्च इंजन पर ही काम कर रहा है जो कि आने वाले समय में सर्च के मायने ही बदल देगा.

Google personalization AI technology के समय में नयी चुनौतियों के साथ

ये कोई ताज़्ज़ुब कि बात नहीं कि पूरी दुनिया कि नज़र इस समय गूगल पर है कि वो कैसे बिंग को जवाब देता है, अर्टिफिशियल इंटेलेजन्स का ऐसा क्या वो कर रहा है, या वो चुप क्यों है. आज के समय में जब सूचना के लिए लोग यूट्यूब पर निर्भर हो रहे हैं उस समय SEOs कि ही ज़िम्मेदारी बनती है कि सही सूचना को नए और पुराने SEOs तक पहुचाये ताकि वो नए इंडस्ट्री के बदलावों से वाकिफ हो सकें. इसी series में personalization एक ऐसा मुद्दा है जिस पर गूगल ने बढ़त बनाये हुए है. यही वो चीज़ है जो उसे बाकि के सर्च इंजिन्स से अलग करती है. आज हम अगर गूगल के मार्किट शेयर कि बात करें तो वो इतना बड़ा है कि कल्पना मुश्किल है, अपने हिस्से के ९५% के साथ गूगल पूरी सर्च इंजन इंडस्ट्री को dominate करता है.

वो अपने सर्च इंजन कि modernize कर रहे हैं, इतना कि वो पूरी तरह का एक नया सर्च इंजन बन जाये. गूगल अपनी सभी सर्विसेज में इस technology को integrate करने का प्रयास कर रहा है, आगे न्यूयोर्क टाइम्स कि माने तो गूगल का लक्ष्य कर फ़ोन में और हर घर में अपनी अर्टिफिशियल इंटीग्रेटेड सुपर सर्विसेज देना है, वो इसे इतना personalize करेंगे कि ये सभी के लिए उपयोगी हो जायेगा.

लारा लेविन, गूगल कि प्रवक्ता गूगल के नए प्रयासों का समर्थन करती दिखाई देती हैं, उनके अनुसार गूगल सिर्फ बेहतर सर्च रिजल्ट देने का प्रयास ही नहीं कर रहा बल्कि सर्च करने का अंदाज़ ही बदलने कि तैयारी में है, जैसे कि multi search फीचर या फिर GOOGLE LENS .

दिसंबर २००९ में लिखे अपने आर्टिकल में, Berry लिखते हैं कि,
Personalization, SEO के लिए एक समस्या ही है, लोग अभी भी ये नहीं जानते थे कि गूगल में लॉगिन कैसे किया जाये, वो जीमेल लॉगिन करते हैं और कई अलग सर्विसेज भी, पर गूगल एकाउंट्स को लॉगिन करना भी अभी नहीं सीख पाए थे कि गूगल ने रिजल्ट्स को पर्सनल करना शुरू कर दिया. लोगो को तो पेर्सनलिज़तिओन ऑफ़ करना तक नहीं आता.

पर आज २०२३ में, SEOs के लिए यह jinn दोबारा बोतल से बहार निकलता दिख रहा है. फिर भी सर्च करने वालो के लिए हम खुश है, SEO का क्या है, हम फिर कोई तरीका निकाल ही लेंगे. लारा लेविन, गूगल या न्यूयोर्क टाइम्स ने इस विषय पर कोई समय सीमा का उल्लेख नहीं किया है पर ये जल्दी ही होगा, आखिर मार्किट शेयर का जो सवाल है.

इसके साथ कि हम जानते हैं कि गूगल अपनी इस सर्विसेज पर AI का प्रयोग संभवतः शुरू कर ही चुका होगा. जैसे कि
गूगल earth पर AI मैपिंग टेक्नोलॉजी
“गूगल-इमेज” शायद Images generate कर के दिखा सके
गूगल ट्रांसलेटर शायद अब और भी बेहतर होगा
Chatbots , gmail , spam-anticipation , आपका अपना फ़ोन, सब कुछ इसमें शामिल होगा.

लेकिन ये अभी छिपा हुआ है, हम SEOs हैं और हम सम्भावना पर काम कर सकते हैं, भविष्य में होने वाले बदलावों के लिए. लोगों के लिए, अच्छे के लिए.
और उन कस्टमर्स के लिए भी जो हम पर भरोसा करते हैं.
AI कि इस जंग में असली फायदा तो यूजर का ही होना है.

Published On: April 18th, 2023 / Categories: Hindi SEO Info, Uncategorized /

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